| दà¥:ख को बोठसमà¤à¤¨à¥‡ वाले कौन तà¥à¤à¥‡ समà¤à¤¾à¤à¤¸à¤¾à¤à¤ˆ तेरी ख़ातिर ख़à¥à¤¦ पर कितना बोठउठाठकितना बोठउठाà¤
 
 वो ही तेरे पà¥à¤¯à¤¾à¤° का मालिक
 वो ही तेरे संसार का मालिक
 हैरत से तू कà¥à¤¯à¤¾ तकता है
 दीया बà¥à¤ कर जल सकता है
 वो चाहे तो रात को दिन और दिन को रात बनाà¤
 साà¤à¤ˆ तेरी ख़ातिर ख़à¥à¤¦ पे कितना बोठउठाठ2
 
 
 तन में तेरा कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है
 शाम सवेरा कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है
 दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की हर चीज़ उधारी
 सब जाà¤à¤‚गे बारी-बारी
 चार दिना के चोले पर काहे इतना इतराà¤
 साà¤à¤ˆ तेरी ख़ातिर ख़à¥à¤¦ पर कितना बोठउठाठ2
 
 देख खà¥à¤²à¤¾ है इक दरवाज़ा
 अंदर आकर ले अंदाज़ा
 पोथी-पोथी खटकने वाले
 पड़े हैं तेरी अकà¥à¤² पे ताले
 कब लगते हैं हाथ किसी के चलते फिरते साà¤
 साà¤à¤ˆ तेरी ख़ातिर ख़à¥à¤¦ पर कितना बोठउठाà¤
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