Sai Baba Bhajan


चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दौनौं जहां का सुख चैन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे

कभी दिन उजियारा कभी रैन अंधेरी
कभी मन हरियाली कभी झोली खाली
वो सब कुछ जाने कब क्या देना है
हर पग पे करेगा तेरी रखवाली
तू पकड़ के रखियो विशवास कि डोरी
वो जहां मिला था फिर वहीं मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल……………

स्वीकार किया है हमें सांई ने जब से
ख़ुद को पहचाना जग को पहचाना
मुश्किल से मिली है सदगुरू कि चौखट
मुश्किल से मिला है हमें एक ठिकाना
लगता है सभी हम किस्मत के धनी हैं
अब एसी जगह से कहो कौन हिलेगा
चिन्ता से भरा दिल………………

हो सकता है इक दिन तुम्हैं नींद आजाये
तुम रोम-रोम को ज़रा बोल के रखना
बंद भी हो जाएं जग के दरवाज़े
तुम मन की खिड़की सदा खोल के रखना
किस रात मैं सांई कब चुपके-चुपके
अपने भक्तों से ख़ुद आन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे

तुझे दौनौं जहां का सुख चैन मिलेगा
फिर पतझड़ में भी तेरी बगिया में
सांई तहमत का ह्र फूल खिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे

Posted By : Vinod Jindal on Jul 07, 2011


 
 

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