तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं,जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ 2
तुम सबके राज़दां हो हर दिल की जानते हो 2
फ़िर भी ये हाले दिल मैं 2 तुमको सुना रहा हूँ
तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूँ
मुझसे सहा न जाये अब ग़म ये ज़िन्दगी का 2
नन्हीं सी जाँ पे कैसे सदमे उठा रहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ
जब तक रहूँ मैं ज़िन्दा इज्ज़्त की भीख देना 2
ये आस लेके साँई तेरे दर पे आरहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ
दीदार की तलब से हाज़िर हुआ है बन्दा 2
मुद्द्त से मेरे साँई तेरे दर पे आरहा हूँ
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूँ
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