धूल तेरे चरणों की बाबा चन्दन और अबीर बनी
जिसने लगाई निज मस्तक पर उसकी तो तकदीर बनी
धूल तेरे चरणों की बाबा……………
हर वस्तू का मोल है जग में इस वस्तू का मोल नहीं
चरणधूल से बढ़कर जग में चीज कोई अनमोल नहीं
धूल्………………
पार हुई पत्थर की अहिल्या चरण धूल को पाने से
भिलनी तर गई राम चरण की रज में डुबकी लगाने से
धूल्……………
जिन चरणों में गंगा बह्ती उन चरणों का करें हम ध्यान
लाखों पत्थर हीरे बनगये चरण-धूल में कर स्नान
धूल……………
तेरे चरणों की महिमा गाएँ युग-युग से ये वेद पुराण
आके श्रद्धा से हम करलें तुमको लाखों बार प्रणाम
धूल्……………
देवता तरसें इस धूली को पावन है कितनी धूली
लाखों देवता ब्रिज में ढूँढें चरण धूल की कुन्ज गली
धूल तेरे चरणों की बाबा चन्दन और अबीर बनी
जिसने लगाई निज मस्तक पर उसकी तो तकदीर बनी
धूल तेरे चरणों की बाबा………………
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